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एक स्त्री

A Women एक स्त्री घर से निकलते हुए भी नहीं निकलतीवह जब भी घर से निकलती हैअपने साथ घर की पूरी खतौनी लेकर निकलती है...

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घर की बड़ी बेटी

घर की बड़ी बेटी तपतपाती धूप मेंघर से निकली वो रोज़गार की तलाश मेंदो रोटी की जुगाड़ में माँ की दवाईभाई की पढाईबहन की सगाई...

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एक स्त्री
A Women एक स्त्री घर से निकलते हुए भी नहीं निकलतीवह जब भी घर से निकलती हैअपने साथ घर की पूरी खतौनी लेकर निकलती है अचानक उसे याद आता हैगैस का जलनादरवाज़े का खुला रहनानल का टपकना और दूध का दहकना एक-एक कर वह पूछती हैप्रेस तो बंद कर दिया था न !आँगन का दरवाज़ा तो लगा दिया...
घर की बड़ी बेटी
घर की बड़ी बेटी तपतपाती धूप मेंघर से निकली वो रोज़गार की तलाश मेंदो रोटी की जुगाड़ में माँ की दवाईभाई की पढाईबहन की सगाई जीवन का संघर्ष अकेले करती वोमौसम के अत्याचार मेंजिम्मेदारियों के बोझ में भूल गई एक स्त्री है वोहो सकती हैं कुछ चाहतें उसकी सहारे कीश्रृंगार कीप्यार की...
विरोधाभास जिंदगी का
अजब सा है यह विरोधाभास अवधारणाओं का है आभासदौड़ भाग से भरी जिंदगीऔर प्यार का आगाज़इस पावन मिलन की घड़ी मेंप्रियवर हुआ उदासउल्फतों से भरी जिंदगी में करें किसका लिहाज़कोमल की जुगलबन्दी और आपका आशीर्वाद गजब ही है यह विरोधाभास~ कोमल...
जिंदगी की कश्मकश
मुझमें शोर बहुत हैखामोश सा लेकिन अलग हैसेल्फ़ी तो कोई भी ले सकता हैमगर दर्द ले पाओ तो बात अलग हैयूँ तो कश्मकश से भरे हैं जिंदगी के रास्तेइन्हे संभाल पाओ तो बात अलग हैसीने में जलन और आंखो में तूफां लिएइस शहर में हर शख्स परेशान बहुत हैचुप रहना भी तमीज़ है संस्कारों कीपर...

एक स्त्री

A Women एक स्त्री घर से निकलते हुए भी नहीं निकलतीवह जब भी घर से निकलती हैअपने साथ घर की पूरी खतौनी लेकर निकलती है अचानक उसे याद आता हैगैस का जलनादरवाज़े का खुला रहनानल का टपकना और दूध का दहकना एक-एक कर वह पूछती हैप्रेस तो बंद कर दिया था न !आँगन का दरवाज़ा तो लगा दिया...

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घर की बड़ी बेटी

घर की बड़ी बेटी तपतपाती धूप मेंघर से निकली वो रोज़गार की तलाश मेंदो रोटी की जुगाड़ में माँ की दवाईभाई की पढाईबहन की सगाई जीवन का संघर्ष अकेले करती वोमौसम के अत्याचार मेंजिम्मेदारियों के बोझ में भूल गई एक स्त्री है वोहो सकती हैं कुछ चाहतें उसकी सहारे कीश्रृंगार कीप्यार की...

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एक स्त्री

A Women एक स्त्री घर से निकलते हुए भी नहीं निकलतीवह जब भी घर से निकलती हैअपने साथ घर की पूरी खतौनी लेकर निकलती है अचानक उसे याद आता हैगैस का जलनादरवाज़े का खुला रहनानल का टपकना और दूध का दहकना एक-एक कर वह पूछती हैप्रेस तो बंद कर दिया था न !आँगन का दरवाज़ा तो लगा दिया...

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घर की बड़ी बेटी

घर की बड़ी बेटी तपतपाती धूप मेंघर से निकली वो रोज़गार की तलाश मेंदो रोटी की जुगाड़ में माँ की दवाईभाई की पढाईबहन की सगाई जीवन का संघर्ष अकेले करती वोमौसम के अत्याचार मेंजिम्मेदारियों के बोझ में भूल गई एक स्त्री है वोहो सकती हैं कुछ चाहतें उसकी सहारे कीश्रृंगार कीप्यार की...

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विरोधाभास जिंदगी का

अजब सा है यह विरोधाभास अवधारणाओं का है आभासदौड़ भाग से भरी जिंदगीऔर प्यार का आगाज़इस पावन मिलन की घड़ी मेंप्रियवर हुआ उदासउल्फतों से भरी जिंदगी में करें किसका लिहाज़कोमल की जुगलबन्दी और आपका आशीर्वाद गजब ही है यह विरोधाभास~ कोमल...

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